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Taj Mohammad

Abstract Romance Action

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Taj Mohammad

Abstract Romance Action

गुज़रा वक्त

गुज़रा वक्त

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गुज़रा वक्त कहां लौटकर आता है।

झूठी जिन्दगी यहां हर बशर बिताता है।।


हम जिंदगी जी रहें है बस यादों में।

आज में जीना इस दिल को न आता है।।


जनाजा ले जाना यार की गली से।

देखना वो कैसे दीदार को नज़र आता है।।


ये वक्त है यूं न बिताओ आराम से।

गुरबती में हर रिश्ता फिर बिगड़ जाता है।।


यूं न हो मायूस तू इस जिन्दगी से।

मेहनत से वक्त सबका ही संवर जाता है।।


जिंदगी में आजमाइशें होती है खूब।

पर हो लगन तो बंजर में गुल खिल जाता है।।


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