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Kishan Negi

Inspirational Thriller Children

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Kishan Negi

Inspirational Thriller Children

गुड़िया का नया दोस्त

गुड़िया का नया दोस्त

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गुड़िया की खुशियां 

आसमान को छू रही थी आज 

मन में उमंगों की बेकाबू लहरें 

बाहर आने को उतावली थी 


आखिर हों भी क्यों न 

उसका मन चाहा खिलौना 

लाये हैं आज पापा 

कितनी जिद्द की थी गुड़िया ने पापा से 


कब लाओगे इक नटखट रोबोट 

ख्वाहिश जो अधूरी थी कल तक 

आज पूरी हो गई शैतान गुड़िया की 

अब खेलेगी बिटिया 


अपने नए बेमिशाल खिलोने से

छोटा-सा नन्हा रोबोट कितना प्यारा है 

बिटिया के चेहरे की मधुर मुस्कान 

पापा के दिल को छू रही थी 


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