गुड सी मीठी बोली
गुड सी मीठी बोली
गुड सी मीठी बोली बोलकर में,
अपने दिल को बहलाता हूं,
मुख से मीठी बोली सूनाकर मै,
सब के दिल में हमेशा धड़कता हूं।
शब्दों के सागर में डूबकी लगा के मै,
मीठे शब्दों के मोती ढुंढता हूं,
शब्दों के मोतीयों की चमक से मै,
अपनी बोली को हरपल सजाता हूं।
कोई तीखे शब्द बोले तो उसका मै,
हकारात्मक अर्थ समझता हूं,
मीठी बोली से उसे जीतकर मै,
मधुर शब्दों से तरबतर करता हूं।
कटु शब्दों की इस दुनिया में मै,
अमृत की नदियाँ बहातां हूं,
"मुरली" मधुर नाद छेडकर मै,
अपने मधुर संगीत में डूबाता हूं।