गर्मी
गर्मी
गर्मी आई गर्मी आई
साथ में कड़कती धूप है लाई
पंखें, कूलर, कुल्फी है लाई
सूरज दादा लगे भड़कने धूप करारी लगे कड़क सी
तपा अम्बर झुलस रही क्यारी
प्यासी है दूब सुलगा रवि
सूखे सूखे खेत विरान पनघट तप ती नदी
सूनी सड़कें, सूनी गली दरवाजे बंद खिड़कियां खुली
दरख्त की छाया मन को भाई
कोयल प्यारी कुहू कुहू गीत गाए
बाहर जाना है आफत, घर में कुछ राहत
बिन बिजली साँसे घबराई
आम्र रस, शर्बत, कुल्फी सबने खाई
गर्मी में इन्हें खाकर गले को ठंडक मिल पाई
दोस्तो के साथ-साथ ठंडा बर्फ का गोला खाए
गर्मी में पानी पी पी कर पेट भर जाए
तरबूज, आम खाकर मन तृप्त हो जाए
गर्मी की छुट्टियों में मामा के घर जाकर खूब धूम मचती
साँप सीडी, इनडोर खेल खेलकर
मामा के साथ ठण्डी आइसक्रीम खाई
गर्मी में कानों को ढककर बाहर निकलना मामा जी ने ये बात हमें सिखाई।