गांव हमारा
गांव हमारा


सब से प्यारा गांव हमारा
जहां बीता बचपन सारा
खेल कूद कर जहां बड़े हुए है
हर घर में था राज हमारा
सुबह उठकर रोज नहाते
स्कूल जाने से हम कतराते
हर रोज बहाना हम बनाते
मां के हाथ का थप्पड़ खाते
गांव में सब मिल जुलकर रहते
एक दूजे की मदद सब करते
शहर में तो है हाल बेहाल
सब रखते अपने काम से काम
गांव में है एक पर्वत ऊंचा
उस पे है माता का चबूतरा
शीतला अष्टमी को पूजन करते
माता का हम आशीष पाते
अद्भुत है बाबा की महिमा
शिवरात्रि का लगता मेला
किलेश्वर को करते है प्रणाम
निराला है महादेव का धाम
शिव का है ये रूप अनोखा
भैरव नाम से जाना जाता
दुख सबके ये दूर भगाए
जो भी इसको शीश नवाए
मन को मोह लेते है बिहारी
रा
घव संग मिथलेश कुमारी
गऊ के प्यारे है गोपाल
जय रघुनंदन जय घनश्याम
भक्त हनुमान से भक्ति पाओ
प्रभु श्री राम की महिमा गाओ
रघुनंदन के चरणों में विराजे
गूंज रहे है जय जयकारे
गांव की मिट्टी को नमन हमारा
टोरडा है जी गांव हमारा
दौसा जिले में ये पड़ता है
बारिश में अद्भुत नजारा
आया है मौसम सुहाना
दरिया में कस्ती का बहाना
रेत के टीलों पर घूमने जाते
मिट्टी में खूब नहा के आते
भादो की अष्टमी है आई
मेला लगा है गांव में भाई
तरह तरह के खिलौने आते
बच्चों के मन को है भाते
सब से प्यारा गांव हमारा
जहां बीता बचपन हमारा
जहां खेल कूद कर बड़े हुए है
घर घर में था राज हमारा।