बचपन
बचपन
काश कि बचपन फिर लौट आता
बचपन के दोस्तो से मुझे मिलवाता
बचपन के वो प्यारे दिन वापस लौटाता
वो प्यारी सी शरारते फिर से कर पाता
पड़ोस के पेड़ से अमरूद चुरा कर खाता
गलती खुद करता और दूसरो को पिटवाता
किसी की गाड़ी का कांच तोड़ आता तो
किसी के घर के दरवाजे की बेल बजा आता
पिटाई होती तो फिर नाम सब का आता
काश कि बचपन फिर लौट आता
आज बचपन को ऐसे ना याद कर पाता
बचपन के वो दिन फिर से जी पाता।