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Sukant Kumar

Inspirational Children

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Sukant Kumar

Inspirational Children

सवाल ही तो है….

सवाल ही तो है….

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कितना सरल है ये जताना कि - “मेरे बच्चे! मैं तुमसे प्यार करता हूँ”?

फिर भी ना जाने क्यों हम अपने ही बच्चे को ही सताये चले जा रहे हैं? 


कितना आसान है ये समझना कि हमें “सच” का साथ देना चाहिए? 

फिर क्यों हम झूठ का साथ निभाये चले जा रहे हैं?


कितना मुश्किल है ये देखना की “बेईमानी और चोरी” से कभी किसी का भला नहीं हुआ?

फिर क्यों हम ख़ुद का भला नजरंदाज किए चले जा रहे हैं?


कितना कठिन है ये बताना कि सिर्फ़ “ईमानदारी” ही तो अपने बच्चे को सिखाना था?

फिर क्यों हम उसे नक़ल उतारना सीखा रहे हैं?


कितना ज़रूरी है ये जान लेना कि “ईश्वर सिर्फ़ उनका साथ देते हैं जो ख़ुद का साथ ईमानदारी से देते हैं”,

फिर भी हम ना जाने कितने ढोंग रचाये चले जा रहे हैं।


बहुत आसान है दोस्तों इस दुनिया में सुकून से रहना।

फिर क्यों हम अपना ही जीवन उलझाए चले जा रहे हैं?


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