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Sukant Kumar

Tragedy

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Sukant Kumar

Tragedy

बेहतर होगा

बेहतर होगा

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जिस समाज में

एक,

विद्यार्थी, विद्या से,

नौकर, अपनी नौकरी से,

मरीज़, डॉक्टर से,

शरीफ, पुलिस से,

बेक़सूर, अदालत से,

वोटर, नेता से,

ईमानदार, पूरे सिस्टम से,

डरता है।


जहां हर कोई भगवान से डरता हो,

और भगवान अपने भक्तों से,


वहाँ अच्छे दिन कैसे आ गये?

अमृत काल आया है, 

किसने बता दिया?

और फिर भी आपको लगता है,

सब ठीक है,

तो ये सवाल आप ख़ुद से ही पूछें तो,

बेहतर होगा॥


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