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Jyoti Verma

Tragedy

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Jyoti Verma

Tragedy

गर्भपात

गर्भपात

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बेटा हो य़ा बेटी 

भाग हैँ दोनो 

एक ही पेड़ के सभी

बेटा है 'पेड़ की जड़ 'अगर

तो बेटी भी तो है ' शाख हरी भरी '

माना जड़ के बगैर 

पेड़ खड़ न हो पाए कभी

पर शाखा के बगैर हरियाली भी


तो मिलती नही कभी

बेटा है 'मान ' जो 

बेटी से भी तो है 

'शान ' बनी 

बेटा हो य़ा बेटी 

भाग हैँ दोनो 

एक ही पेड़ के सभी

बेटे से चलता है 

नाम तो क्या ?


बेटी से भी तो 

बढ़ता है मान सदा

माना बेटे के बगैर वंश न चले

बेटी के बगैर भी तो

कोई खुशी न मिले

बेटा हो या बेटी


जब पूरक है दोनों

दोनो के बगैर 

पेड़ तो न बढे 

न चले 

टी फिर क्यू हम 

कोख प्र ताढ़ते

और क्यूँ ये 

पक्षपात की नींव धरे ?


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