गमगीनी
गमगीनी
सोते और जागते तेरी,
याद मुझ को आती है,
तस्वीर तेरी देखकर दिल में,
गमगीनी सी छा जाती है।
करुणा भरी सूरत देखकर,
दिल मेरा पिघल जाता है,
आंखों से मेरे आंसुओं की,
सरिता अब बहे जाती है।
मन की बात तुझे कहने की,
इच्छा दिल से हो जाती है,
तस्वीर तेरी देखकर दिल में,
गमगीनी सी छा जाती है।
तेरी मधुर आवाज़ की मुझ को,
आज भी अनुभूति होती है,
उसको याद करके मेरे मन में,
सुमसाम हवा फैल जाती है।
हर पल पुकार तेरे नाम की,
बार बार लब पे आ जाती है,
तस्वीर तेरी देखकर दिल में,
गमगीनी सी छा जाती है।
तेरी यादों के सहारे अब मेरे,
दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
तेरी प्यारी सूरत देखकर मेरी,
सांसो में सरगम बज जाती है।
तेरे विरह की आग में "मुरली",
मिलन की तड़प बढ़ जाती है,
तस्वीर तेरी देखकर दिल में,
गमगीनी सी छा जाती है।

