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Kishan Negi

Drama Romance Thriller

4.5  

Kishan Negi

Drama Romance Thriller

गलती मेरी ही थी

गलती मेरी ही थी

1 min
492


ठीक ही तो कहा था उसने

कमी उसमें नहीं

कमी तो मुझमें थी जो चाहने लगा था उसे

जिंदगी से भी ज्यादा


कमी तो मुझमें थी जो दिल थमा बैठा उसे 

आषाढ़ की पहली बरसात में

कमी तो मुझमें थी जिसे ज़िन्दगी समझ बैठा

खुद को समझने से पहले


वो तो कल भी बेगुनाह थी और

आज भी है बेकसूर ख़ुद की नजरों में

गलती तो मेरी थी जो उसकी इजाज़त बिना

मोहब्बत कर बैठा इक अजनबी से


आज भी सोचता हूँ उसने तो कभी

इज़हार भी नहीं किया अपनी चाहतों का

और मैं भी इतना पागल 

उसकी इक मुस्कान को कुछ-कुछ समझने लगा


उसकी भोली मुस्कान, अबोध खामोशी

पगली को शायद मालूम भी न होगा कि

मुझसा कोई दीवाना लगा है चाहने उसे


शायद गलती उसकी नहीं 

गलती मेरी ही थी उस दुनियाँ में जीने की

जो बनी थी किसी और के लिए।


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