STORYMIRROR

Dr. Poonam Gujrani

Abstract

3  

Dr. Poonam Gujrani

Abstract

गजल

गजल

1 min
231


सांसों का संयोजन कर,

मन काशी वृंदावन कर।


पतझड़ में बादल बन जा,

खुद को ऐसा सावन कर।


गीत गजल सरगम हो जा,

पायल वाली रुन झुन कर।


मन में मैल रहे ना कोई

अपने मन को दर्पण कर ।


निर्मल पावन गंगाजल सा ,

'पूनम' अपना जीवन कर।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract