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Er Rashid Husain

Tragedy

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Er Rashid Husain

Tragedy

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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ग़ज़ल ____________________ मौहब्बत की दुनिया बसाने से पहले । कोई ग़म न था तेरे आने से पहले।। बिछड़ने की इतनी कहानी है अपनी । खफा वो हुए आज़माने से पहले।। खुशी इस कदर कोशिशों से मिली थी। के हम रो पड़े मुस्कुराने से पहले ।। न रह पाए हम लब हिलाने के काबिल। उन्हें हाल दिल का सुनाने से पहले।। हमें उम्र भर की मिलेगी जुदाई । ये सोचा न था दिल लगाने से पहले।। मनाने का हमको तरीका बता दो। सनम बेसबब रूठ जाने से पहले।। तुम्हारी भी आंखों से आंसू बहेंगे। मेरी हर निशानी मिटाने से पहले।। तड़पता न दिल इस तरह मेरा हमदम। बताते तो कुछ दूर जाने से पहले।। मुझे आ दबोचा अंधेरों ने रशिद। मेरी जिंदगी जगमगाने से पहले।। इंजीनियर राशिद हुसैन मुरादाबाद उत्तर प्रदेश।


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