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Dr Narendra Kumar Patel

Abstract Inspirational Others

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Dr Narendra Kumar Patel

Abstract Inspirational Others

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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पैर ज़ख्मी हौसले बहुत थे।

रोकता कौ'न फासले बहुत थे।।


जिरह करते मुवक्किल चल बसा।

मानता कौ'न फैसले बहुत थे।।


मां थपकियां देकर सुला मुझे।

नींद न मिली काफ़िले बहुत थे।।


डूबती कश्ती बचा ना सका।

तैर न सका जलजले बहुत थे।।


'साहिल' वहीं था पकड़ ना सका।

पास आकर फासले बहुत थे।।


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