माँ
माँ
नज़रों से जज़्बातें, अक्सर ढूंढा करती है।
कुछ कह नहीं पाता हूं, माँ पढ़ ही लेती है।।
लाख छुपाएं हंसते चेहरे, छुप नहीं पाते हैं।
मन में छुपे, दर्द की आहें! सुन ही लेती है।।
नज़रों से जज़्बातें, अक्सर ढूंढा करती है।
कुछ कह नहीं पाता हूं, माँ पढ़ ही लेती है।।
लाख छुपाएं हंसते चेहरे, छुप नहीं पाते हैं।
मन में छुपे, दर्द की आहें! सुन ही लेती है।।