"नन्हा सा पौधा है"
"नन्हा सा पौधा है"
नन्हा सा पौधा है
कल ये छाया देगा
पुष्प खिलेगा प्यारा सा
खाने को भी फल देगा।
प्रदूषण को सोख निरंतर
प्राणवायु देता है सबको
विनय प्रेम से मांग लो प्यारे
औषधियां भी देगा तुमको।
इनमें तुममें फर्क है इतना
यह जड़ है तुम चेतन
पत्थर मारो,काट भी डालो
फिर भी तुमको देता भोजन।
बंजर होती भूमि बचा लो
तुम चेतन जड़ अभी लगा लो
वसुन्धरा ले रही सिसकियां,
मन की ज्योति अभी जला लो।
बहती मिट्टी पटती नदियां
बाढ़ प्रलय आने का खतरा
जड़ क्षारण को रोक ही लेगा
जंगल तुमको जीवन देगा।
कर्ज है तुम पर प्राणवायु का
तुमको फर्ज निभाना होगा
'साहिल' ए मशवरा तुमको
राह तुम्हें चुनना होगा।