गजल(सुकून)
गजल(सुकून)
रूठे को कभी मना कर तो
देखो, प्यार की भाषा समझा
कर तो देखो।
मिलेगा सुकून दिल को जरूर
एक बार उसके साथ मुस्करा
कर तो देखो।
सुख शान्ति से भर जाएगा मन,
भूखे को कभी खाना खिला कर तो देखो।
इंसान तो क्या हैवान भी बन जाते हैं मीत आखिर,
प्यार की भाषा से कभी बुला कर तो देखो।
शेर के गले से भी लिपटते देखा है इंसान को,
कभी इंसानियत का मूल्य चुका कर तो देखो।
परिन्दे भी खुश होते हैं इंसान को देख कर
चन्द दाने आनाज के डाल कर तो देखो।
बढ़ जाएगी हरेक चेहरे की रौनक
यह सब कुछ अजमा कर तो देखो।
मिल जाएगा खुदा दिल के ही अन्दर सुदर्शन,
एकबार सबको गले लगा कर तो देखो।।
इनसानियत हो रही है शर्मसार
दिन व दिन हैवानियत का मुखौटा
एकबार उतार के तो देखो।