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Pankaj Kumar

Romance

3  

Pankaj Kumar

Romance

गिले शिक़वे शिकायतें

गिले शिक़वे शिकायतें

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गिले शिक़वे शिकायतें 

खुद से और खुदा से 

हर रोज़ करता हूँ।


जो ना बन सका 

और जो ना बना सका 

पूरा होते होते 

जो अधूरा रह गया।


क्यों, कब और कैसे 

जो नसीब ना हुआ 

पास होकर भी जो 

करीब ना हुआ।


उस बेबसी को याद करके 

आह भरता हूँ।

गिले शिक़वे शिकायतें 

खुद से और खुदा से 

हर रोज़ करता हूँ। 


पूछता हूँ खुदा से 

ऐसा क्यों किया? 

ना उसे दिया,

ना उसके ना मिलने का सब्र दिया। 


याद करता हूँ 

तो क्यों मैं याद करता हूँ 

ना मिला तो ना सही 

क्यों फ़रियाद करता हूँ?


अपनी हर ख़ुशी को 

उसके बाद करता हूँ, 

गिले शिक़वे शिकायतें 

खुद से और खुदा से 

हर रोज़ करता हूँ। 


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