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अमित प्रेमशंकर

Romance

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अमित प्रेमशंकर

Romance

घर तेरा ए आबाद रहे

घर तेरा ए आबाद रहे

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खुशी रहे न चैन रहे

हर पल दिल ए बे‌चैन रहे

ले गई अपने साथ सभी 

ना दिन रहे न रैन रहे

लिख देता हूं आँसू से

हर बात तुझे वो याद रहे,

हम तो हुए बर्बाद मगर

घर तेरा ए आबाद रहे।।


जान बना के जान बन गई

नैनों की अरमान बन गई

एक बात न समझ सका कि

कैसे तू बेईमान बन गई

कुचल गई पैरों से मेरे

दिल में जो जज़्बात रहे

हम तो हुए बर्बाद मगर

घर तेरा ए आबाद रहे।।


तुझे रास न आया प्यार मेरा

तू तोड़ गई संसार मेरा

कभी ख्वाबों में भी पूछा ना

कि है जिंदा तू यार मेरा

है दुआ ए मेरी,

तेरा मन चंचल आज़ाद रहे

हम तो हुए बर्बाद मगर

घर तेरा ए आबाद रहे।।



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