घर सूना हो गया है
घर सूना हो गया है
किसी की मौजूदगी से,
जो भरा रहता था,
अब एक खालीपन है वहाँ।
जहाँ कभी एक हंसी गूंजती थी,
रोने की आहट सुनाई देती थी,
आज बस एक खामोश
कमरा खड़ा है वहाँ।
वही चारपाई है, वही पंखा है,
सारे दस्तावेज़ भी वहीं है,
बस जो रौनक था वो चला गया है,
अब तो बस हर जगह धूल जमी है।
घर सूना हो गया है,
यहां अब तेरी कमी है।