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Mani Aggarwal

Abstract

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Mani Aggarwal

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ग़ज़ल

ग़ज़ल

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खूबसूरत गुनाह कर लेंगे

इश्क़ में दिल तबाह कर लेंगे।


गर मुहब्बत है मौत का दरिया,

हम भी मरने की चाह कर लेंगे।


जो तकल्लुफ में भी बुलाएं वो,

उम्र भर को पनाह कर लेंगे।


तंग है यार का मकां तो क्या,

दिल में रह कर निबाह कर लेंगे।


उनसे लग कर गले रवायत में,

प्यार हम बेपनाह कर लेंगे।


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