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आलोक कौशिक

Romance

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आलोक कौशिक

Romance

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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लो कहता हूं जो कहा नहीं 

धड़कनों में मेरी हो तुम्हीं 


चलो बसाएं एक दुनिया 

इस दुनिया से दूर कहीं 


कर सके न जुदा कोई 

हमें अब रहना वहीं 


तुमसे है वजूद मेरा 

तुम नहीं तो मैं नहीं ।


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