रचनाकार एवं पत्रकार
प्रेम और मिलन प्रेम और मिलन
कभी जुदाई लगती थी ज़हर अब फ़ासले ज़रूरी हैं जीने के लिए। कभी जुदाई लगती थी ज़हर अब फ़ासले ज़रूरी हैं जीने के लिए।
लो कहता हूं जो कहा नहीं धड़कनों में मेरी हो तुम्हीं । लो कहता हूं जो कहा नहीं धड़कनों में मेरी हो तुम्हीं ।
तुम बनकर घुड़सवार मेरे नन्हे से राजकुमार... तुम बनकर घुड़सवार मेरे नन्हे से राजकुमार...
दिल बनके धड़की बनारस की गली में दिल बनके धड़की बनारस की गली में
परहित प्रियता भ्राताओं में ज्येष्ठ परहित प्रियता भ्राताओं में ज्येष्ठ
लेखक ही होते पाठक करते मिथ्याभिमान। लेखक ही होते पाठक करते मिथ्याभिमान।
सदियों तक रहकर मौन प्रकृति सहती अत्याचार करके क्षमा अपकर्मों को मानुष से करती प्य सदियों तक रहकर मौन प्रकृति सहती अत्याचार करके क्षमा अपकर्मों को मानु...
जानती है पढ़ना भ्राता का अंतर्मन अंतर्यामी होती है ममतामयी बहन। जानती है पढ़ना भ्राता का अंतर्मन अंतर्यामी होती है ममतामयी बहन।
निर्विरोध गतिशील है यह प्रचलन सब कहते हैं जिसे कवि सम्मेलन। निर्विरोध गतिशील है यह प्रचलन सब कहते हैं जिसे कवि सम्मेलन।