STORYMIRROR

आलोक कौशिक

Abstract

3.5  

आलोक कौशिक

Abstract

जय श्री राम

जय श्री राम

1 min
210


त्याग का पर्याय 

प्रतीक शौर्य का 

पुरुषों में उत्तम 

संहर्ता क्रौर्य का 


परहित प्रियता 

भ्राताओं में ज्येष्ठ 

कर्तव्य परायण 

नृप सर्वश्रेष्ठ 


शरणागत वत्सल 

हैं आश्रयदाता 

दशरथ नंदन 

भाग्य विधाता 


भजे मुख मेरा 

तेरा ही नाम 

जय सिया राम 

जय श्री राम 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract