ग़ज़ल
ग़ज़ल
तू मेरी नयी उपमा तू मेरी गज़ल है
तू मेरी नयी नज़्म तू मेरी फज़ल है
कहते हैं मैं लिखता हूं ,खुद को आज कल
मैं कहता हूं कि तू सिर्फ मेरी सज़ल है।
फज़ल ,,प्राथमिकता
सज़ल ,,वादा,
तू मेरी नयी उपमा तू मेरी गज़ल है
तू मेरी नयी नज़्म तू मेरी फज़ल है
कहते हैं मैं लिखता हूं ,खुद को आज कल
मैं कहता हूं कि तू सिर्फ मेरी सज़ल है।
फज़ल ,,प्राथमिकता
सज़ल ,,वादा,