Kaushik Dave
Abstract Fantasy
साथ शिव का
गौरी की तपश्चर्या
सृष्टि निर्माण
निराकार है
परब्रह्म स्वरूप
जगत पिता
दया की मूर्ति
जगत के आधार
गौरी शंकर
कैसे कैसे लोग
सर्दियों में ...
अफवाह
काल्पनिक युद्...
जीवन की परीक्...
कण-कण में ओमक...
धीरे धीरे जान...
सीख
देश प्रेम
स्वर्ग
तान- प्रेम की छेड़ - धीरे से मुझको बुलाता राधा संग रास रचा खिड़की से गाता चांद तान- प्रेम की छेड़ - धीरे से मुझको बुलाता राधा संग रास रचा खिड़की से गाता चां...
लगता है पशोपेश में है किरदार हमारा कोई किरदार यूं ही अंजान नहीं बनता। लगता है पशोपेश में है किरदार हमारा कोई किरदार यूं ही अंजान नहीं बनता।
पर तू मेरी दुनिया नहीं मेरा सबकुछ हैं बस ये याद रख लेना। पर तू मेरी दुनिया नहीं मेरा सबकुछ हैं बस ये याद रख लेना।
वो रिश्ता भी कोहरे की चादर में महफूज रखा है कोहरे की खुशबू में अब उसकी खुशबू है! वो रिश्ता भी कोहरे की चादर में महफूज रखा है कोहरे की खुशबू में अब उसकी खुशबू ...
'जिंदगी 'मर रही रूह इंसानियत की जिस्म में अब क्या सिर्फ इंसान जिंदे हैं। 'जिंदगी 'मर रही रूह इंसानियत की जिस्म में अब क्या सिर्फ इंसान जिंदे हैं।
मनाकर अपनों को प्यार से, जोड़ना ये डोर सपनों से। मनाकर अपनों को प्यार से, जोड़ना ये डोर सपनों से।
हफ्ते भर का जोश जगा बाद उसके बुझ गयी मशालें चार भाषण बोलकर ! हफ्ते भर का जोश जगा बाद उसके बुझ गयी मशालें चार भाषण बोलकर !
प्रकृति बिन न होगा कल है प्रकृति से हमारा जीवन जल है। प्रकृति बिन न होगा कल है प्रकृति से हमारा जीवन जल है।
मैं हूं तेरी कठपुतली नाचूं तेरे हाथ में। मैं हूं तेरी कठपुतली नाचूं तेरे हाथ में।
क्यों हम चंद रुपयों के लिए अपनों को ही गैर बनाते हैं। क्यों हम चंद रुपयों के लिए अपनों को ही गैर बनाते हैं।
इशारे में भी न छलना तू किनारे ही चलना। इशारे में भी न छलना तू किनारे ही चलना।
कर्ज रूपी पहाड़ तले, दबने से तुमने बचा दिया कर्ज रूपी पहाड़ तले, दबने से तुमने बचा दिया
ये यादों की माला, जो जीने का सहारा, जिन्दगी की धारा, यादें याद आती है। ये यादों की माला, जो जीने का सहारा, जिन्दगी की धारा, यादें याद आती है।
अपने तरीके से सब यहाँ, अपना समय बिताते है। अपने तरीके से सब यहाँ, अपना समय बिताते है।
चाँद से हमारा, रिश्ता है सदियों पुराना ! चाँद से हमारा, रिश्ता है सदियों पुराना !
आसान कब है जिंदगानी हर मोड़ पर भेडिया खड़ा है। आसान कब है जिंदगानी हर मोड़ पर भेडिया खड़ा है।
पढ़ लिख कर आगे बढ़ जाएंगे, इस दुनिया को पीछे छोड़ जाएंगे। पढ़ लिख कर आगे बढ़ जाएंगे, इस दुनिया को पीछे छोड़ जाएंगे।
क्या करूँ साहब अजनबी हूँ अजनबी जो ठहरा ! क्या करूँ साहब अजनबी हूँ अजनबी जो ठहरा !
सत्य सनातन धर्म यही, दुख दोष सभी जग के हर लें सत्य सनातन धर्म यही, दुख दोष सभी जग के हर लें
वीर प्रहरियों की शहादत का शहीद दिवस मनाए, पुलवामा के हमले का काला दिवस मनाए ! वीर प्रहरियों की शहादत का शहीद दिवस मनाए, पुलवामा के हमले का काला दिवस मनाए !