69pritisharma@gmail.com प्रीति शर्मा"पूर्णिमा" हिन्दी प्राध्यापिका करनाल, हरियाणा। योग्यता-एम.ए, बी. एड.,एल एल बी। प्रतिलिपि, स्टोरीमिरर के अलावा बहुत से साहित्यिक मंचों पर लेखन और सम्मानित। गद्य पद्य दोनों विधाओं में लेखन।
अच्छे भाषण लिखने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद कर रहा था। अच्छे भाषण लिखने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद कर रहा था।
परी के प्यार से दिव्या की जिंदगी में मां की कमी पूरी हो चुकी थी और वह अपने पिता के साथ स परी के प्यार से दिव्या की जिंदगी में मां की कमी पूरी हो चुकी थी और वह अपने पिता ...
हो सकता है आज वह इस दुनिया में हों या ना भी हों,परन्तु वह जहां भी हों,उन्हें मेरा सादर नमन! हो सकता है आज वह इस दुनिया में हों या ना भी हों,परन्तु वह जहां भी हों,उन्हें मेर...
बड़े मुश्किल वक्त में रोहन ने उसका हाथ पकड़ा था। बड़े मुश्किल वक्त में रोहन ने उसका हाथ पकड़ा था।
स्नेहा जैसे उत्साह से भर गई। एक अनजान प्रतीक्षा जो समाप्त हुई स्नेहा जैसे उत्साह से भर गई। एक अनजान प्रतीक्षा जो समाप्त हुई
दस साल की गृहस्थी में प्रतिमा हमेशा ही झुकती आई थी लेकिन आज उसका मन विचलित था दस साल की गृहस्थी में प्रतिमा हमेशा ही झुकती आई थी लेकिन आज उसका मन विचलित था
"बहुत बहुत धन्यवाद... पूनम, तुमने मेरी मां को आज बहुत बड़ी खुशी दी है। "बहुत बहुत धन्यवाद... पूनम, तुमने मेरी मां को आज बहुत बड़ी खुशी दी है।
उसने आगे की प्लानिंग कर रखी थी। लंच करके वह ससुराल चली। उसने आगे की प्लानिंग कर रखी थी। लंच करके वह ससुराल चली।
अपने से ज्यादा बहू को तबज्जो मिलते देख सास का चेहरा बुझ जाता। अपने से ज्यादा बहू को तबज्जो मिलते देख सास का चेहरा बुझ जाता।
पूनम को पता था कि किसी के दिल को जीतना हो तो सबसे पहले उसका पेट मनपसंद चीजों से भरो पूनम को पता था कि किसी के दिल को जीतना हो तो सबसे पहले उसका पेट मनपसंद चीजों से ...