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Pooja Kalsariya

Abstract

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Pooja Kalsariya

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आते-जाते

आते-जाते

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कुछ आते हैं, कुछ जाते हैं

कुछ सुनते हैं, कुछ सुनाते हैं 


अपने तरीके से सब यहाँ, 

अपना वक़्त बिताते हैं


कुछ घूमते हैं, कुछ कमाते हैं

कुछ मेहनत करते, कुछ आराम फ़रमाते हैं


सब अपनी राह साबित करने को, 

अलग पैंतरे आज़माते हैं 


अस्तित्व की तलाश करते हैं कुछ, 

तो कुछ वजूद के लिए कोहराम मचाते हैं


अंत का दृश्य नहीं आता ख़याल में, 

सारी उम्र भागम भाग मचाते हैं


अपने तरीके से सब यहाँ, 

अपना समय बिताते है।


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