STORYMIRROR

Deepti S

Inspirational

4  

Deepti S

Inspirational

गाथा लक्ष्मीबाई की

गाथा लक्ष्मीबाई की

1 min
403

१९ नवम्बर १९२८ को,जन्म हुआ वाराणसी घाटों की नगरी

माँ भागीरथीबाई और पिता मोरोपंत तांबे थे मराठी

प्यार से उन्हें कहते थे मनु पर मणिकर्णिका कहते थे साथी

माँ का साया उठने से पिता ले चले दरबार पेशवा बाजीरावी


बाज़ीराव के दरबार में चंचलता देख उसे कहते थे छबीली

शास्त्रों की शिक्षा के साथ वह अस्त्र शिक्षा में भी निपुण हो ली

मराठी राजा गंगाधर ब्याह लाए,कहलायीं वो झाँसी कि रानी

माँ बनने का सुख प्राप्त हुआ पर नियति की कुछ और कहानी


वंचित हुईं पुत्र सुख से,अकेली पड़ीं,देख पति की बीमारी

दत्तक पुत्र लेने की दी सलाह,देख लक्ष्मीबाई की परेशानी

दत्तक पुत्र बना दामोदर राव,पर विधवा हो गयीं रानी

ब्रिटिशों ने राज्य हड़प नीति,योजना बना,झाँसी चाहीं क़ब्ज़ानी


क़िला छोड़,रानीमहल पहुँची,पर अंग्रेजों को,धूल थी चटानी

सेना में महिलाओं की भर्ती में झलकारीबाई थी प्रमुख,था सन सत्तावनी

थी ये हमशक्ल रानी की जिसे झाँसी को विजय थी दिलानी

ओरझा,दतिया राजाओं को किया पराजय,पर घेरा झाँसी को सेना ब्रितानी


रानी बच निकली दामोदर सहित,विद्रोह तात्या टोपे संग मिटाने की ठानी

बाज़ीराव के वंशज ने जिताया किला,रानी की भेजी राखी की लाज बचा ली

कोटा की सराय में अंग्रेजों से लड़ते,नौछावर कर गयीं,जान की बाजी

ये गाथा है वीर पराक्रमी लक्ष्मीबाई की जिसने ज़िन्दगी में कभी हार न मानी!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational