फ़र्क़ नहीं पड़ता और
फ़र्क़ नहीं पड़ता और
ओह! हेलो! मैं किसी की दुनिया में फिट नहीं हो सकती
जिसको भी मेरे दुनिया में आना हैं, वो आओ
और जो जाना चाहते हो, वो जाओ
मैं किसी को मनाने के लिए अपने आप को तो बदल नहीं सकती
और लोग कुछ भी बोले मेरे को
फ़र्क़ नहीं पड़ता है
मैं जैसी भी हूँ एक दम परफेक्ट हूँ
और जो मेरे जैसे हैं,
वो आ ही जायेंगे ज़िन्दगी मैं या मैं पहुंच जाऊंगी
अगर आप भी सच्चे लोगों की तलाश मैं हैं
तो फिर खुद सच्चे बनिये
दुनिया में फिट होने के लिए
यह मास्क पहनना बंद कीजिये
मैं जैसी भी हूँ, एक दम परफेक्ट हूँ ।
