फ़रिश्ते होते हैं !
फ़रिश्ते होते हैं !
जो लोग दूसरों की मदद करते हैं ,
वे फ़रिश्ते से कम नहीं होते हैं ....
मगर ऐसे लोग इन दिनों बहुत कम होते हैं ..
कहते हैं कि इन दिनों लोग पत्थर से कम
नहीं होते पर ....इस कलयुग में भी होते हैं
ऐसे लोग जो मसीहा से कम नहीं होते ...
उस दिन छोटी लड़की कार से टकरा ही
जाती....
शायद उस दिन उस लड़की के प्राण
ख़त्म ही होते ....
पर न जाने कहाँ से आ गई एक
फ़रिश्ते के रूप मे वह औरत ...
नहीं तो उस दिन बड़े जुलम होते ...
सच आज भी कई लोग जो करते हैं
दूसरों की मदद वे फ़रिश्ते से कम नहीं होते !
