एतबार
एतबार
तेरे झूठ पर यकीन ना करना था
मुहब्बत समझकर खुद की तौहीन ना करना था।
बेवफ़ाई, धोखा तो फितरत में है तेरे
सब जानकर भी तू अनजान ना बनाना था।
टूट गया आज सारा भ्रम, जो तुझ पे बहुत
अटूट था
इस सच को स्वीकारने में इतनी देर
ना करना था।
मतलबी है तू जानती हूं मैं
नहीं आयेगा अब तू कभी
कोई वास्ता नहीं है मुझसे
आज तक जो इंतजार था इन आंखों में
तेरे लिए
वो इंतजार ना करना था।
तेरे झूठ पर यकीन........
