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Ekta Dhohare

Abstract

2.6  

Ekta Dhohare

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जरूरी तो नहीं

जरूरी तो नहीं

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सब कह कर जाताना यूं

रूठकर मनाना जरूरी तो नहीं।


कभी तो भावनाओंं को महसूस कर लो

यू शब्दों का बाण चलाना जरूरी तो नही।


तुम ऐसे तो ना थे, अचानक हवाओं ने क्या रुख बदला

इस बदले हुए एहसास के साथ रहना जरूरी तो नहीं।


मुझे आस है तुम्हारे लौटने की पर जानती हूं यह मुमकिन नहीं,

पर हर बार पहल मेंं करू यह जरूरी तो नही।


तुम से जुड़कर नए जीवन का सृजन किया है मैंने,

लेकिन आत्मसम्मान, स्वाभिमान को भुलाकर साथ रहूं जरूरी तो नहीं।



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