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Jyoti Deshmukh

Fantasy

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Jyoti Deshmukh

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एसा भारत हो जहां ना कोई बुराई

एसा भारत हो जहां ना कोई बुराई

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दिन-6,रंग-ग्रे-जो बुराई के विनाश को दर्शाता हो 


ना तारो की ख्वाहिश ना चाँद की तमन्ना दिल में बस एक ही ख्वाहिश 

ऐसा भारत हो जहाँ ना कोई बुराई हो 

लोगों के दिलों में करुणा, दया, प्रेम का भाव हो 

जहाँ नफरत का निशा न हो 

सब पर मुहब्बतों का रंग हो 


जहाँ कोई बच्चा गरीबी के कारण वंचित ना हो 

जहाँ ना दहेज के लालच में बेटियाँ जलायी जाती हो 

जहाँ ना बेटे के लालच में गर्भ में बेटियों को मिटाया जाता हो 

ऐसा भारत हो जहां ना कोई बुराई हो 


जहाँ बलात्कार कर बेटियों की अस्मत ना लूटी जाती हो 

ऐसे दहशतगर्दों को जहां सरेआम फांसी दी जाती हो 


जहाँ ना कोई गरीबों का शोषण करने वाला हो 

जहाँ श्रम और किसान का जयकारा होता हो 

न हो अन्न समस्या भूखे किसी गरीब का रोना 

हरियाली से लहराए देश का कोना-कोना 

ऐसा भारत हो जहां ना कोई बुराई हो 


खुशहाल परिवार हो धर्म के नाम पर ना बँटवारा हो 

जहाँ उद्योग हो, प्रगति हो ना कोई बेरोजगार हो 

जहाँ इंसानियत हो धर्म हो भाईचारे प्रेम की धारा बहती हो 

जहाँ अनेकता में एकता की नींव मजबूत बनी हो 

ऐसा भारत हो जहां ना कोई बुराई हो 


जहाँ सरहदों पर किसी का सुहाग और किसी की गोद सूनी न हो 

मेरे अतुल्य भारत की तस्वीर कुछ एसी हो 

इन्द्रधनुषी रंगों से सतरंगी रंग जैसा हो 

मेरा भारत ऐसा हो जहां ना कोई बुराई हो 


जहाँ बुराई न हो हमेशा अच्छाई की जीत हो 

जहाँ रावण आए सबका विनाश हुआ हो 

श्री राम ने अवतार लेकर पापों का विनाश किया हो 

जहाँ कंस का वध हुआ श्री कृष्ण ने अपनी लीला से कंस का संहार किया हो 


ना कहीं कोई अत्याचार, ऐसा मेरा भारत महान 

विश्व में चमके विजय स्वर्णिम सितारा हो चारों ओर

जिसकी ख्याति फैले ऐसा भारत हो जहां ना कोई बुराई हो 



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