एक तलाश
एक तलाश
बेरोजगार हूँ, एक रोजगार की तलाश है
चलता जा रहा हूँ अकेला,साक्षी ये आकाश है,
संघर्ष ये जीवन का,नित कराता नया अभ्यास है
मिलेगी मुझे भी मंजिल,पूरा विश्वास है,
खाली जेबों में मेरे,उम्मीदों से खनकते एहसास है
आज लौटा हूँ फिर,कार्यालय में अवकाश है,
दर-दर ठोकर खा रहा,अब ऊँची डिग्रियां न खास है
न जाने कितने नौजवानों को नौकरी की तलाश है,
किसान का बेटा हूँ,कैसे बुझाऊँ,जिन्हें काली,भारी,रिश्वत की प्यास है ?
चलो चलते हैं,खेतों में वापस रोपने सफेद,हल्के,निर्मल कपास है।