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Ajay Gupta

Classics

4  

Ajay Gupta

Classics

एक था राजा और उसकी राजकुमारी

एक था राजा और उसकी राजकुमारी

2 mins
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ब्रूटस था रोम का राजा, पाले गिद्ध विशाल

उसका महल सबसे ऊँचा, छूता नभ के पार 

हीरे सोने से भरा भंडार, सभी जन थे खुशहाल, 

ना चोरी ना कोई लूटपात, ना रोग से कोई बेहाल


ब्रूटस ढूंढ रहा था एक उत्तराधिकारी, 

जो ना हो लोभी और ना हो विकारी, 

रहे सब जनता को खुश हरदम

आदर्श में हो ऊँचा, रहे सदा परोपकारी. 


ब्रूटस की थी एक बेटी , नाम जिसका वीनस 

खूबसूरती में अप्सरा, बोले जैसे मधु सुधारस

बुद्धि में वह तर्कशीला, तलवार चला जैसे वीर रस

उचित वर था ढूंढ रहा जो करे बेटी पर विश्वास 


कहीं युवराज कहीं नरेश तो कहीं कोई धर्माधिकारी 

सभी चाहते पाना उसका साथ, पूरी थी सबकी तैयारी 

कहीं छाया था प्यार, तो कहीं छल था कोई व्यापारी 

धोखे में दे गया कोई ज़हर उसे खाने मे अत्याचारी 


ब्रूटस ने बुलाया वैद्यराज, दिखाई बेटी जो थी बेहाल, 

राजकुमारी पड़ गई ठंडी, औषधि थी उसके ननिहाल 

मिलों दूर था जाना और औषध भी था तुरंत लाना

सेनापति बुलाए गए, भेजें सैनिक और दूत तत्काल 


जादू के घोड़े पर बैठ एक राजकुमार आया

सुना खबर और तुरंत अपने घोड़े तेज दोड़ाया

कुछ ही पल में वह औषधि भी ले आया 

वैद्यक ने औषधि देखी और तुरंत पिलाया 


राजकुमारी पीते ही दवा ठीक हो गई 

सभी लोग खुश जैसे बड़ी जीत हो गई 

सबने प्यार से राजकुमार की तरफ देखा 

जैसे नए महाराज की बात तय हो गई 


क्रूर अत्याचारी, तुम्हें तो मिलनी चाहिए कड़ी सज़ा 

मारा तुमने मेरे गिद्ध को, जो था मेरा सबसे सगा

 

क्या यही है पराक्रम जो तुमने हमे दिखाया 

एक बेजुबान को मार तुमने दवा उससे चुराया 

मौत के बदले मौत ब्रूटस ने उसे सज़ा सुनाया 


ननिहाल से आ गए संबंधी साथ लाए कुछ उपहार 

कारीगर भी था उनके साथ जिसने बनाई थी एक कार 

ब्रूटस ने सहर्ष किया उसे अपना युवराज स्वीकार 

उधर वैद्य राज ने गिद्ध का भी कर दिया उपचार 


सारे नगर सजने लगे, सबके हृदय हर्ष ने लगे

कारीगर भी युवराज की पोशाक पहन आया 

उसे देख सब नरेश और युवराज जलने लगे 

शादी की रस्म भी जोर शोर से चलने लगे 


राजकुमारी शादी की सफेद गाउन में जो आयी 

जैसा सफेद चांद अपनी चांदनी यहां हो भिजवाई 

कारीगर नगर का राजकुमार बन शान से रहने लगा 

राजकुमारी की सलाह ले अब काम काज करने लगा।



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