एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम
एक सलाम हमारे सैनिकों के नाम
जाने वो कैसे आम से
खास हो जाते हैं
जिनके शरीर पर खाखी
हाथों में तिरंगा लहराते हैं
तुमने भी तो आँखों में
कुछ सपने ज़रूर बुने होगे
माँ बाप की आँखों के तारे
तुम भी ज़रूर रहे होगे
बचपन के दोस्त गलियाँ खेल
याद ज़रूर आते होंगे
कैसे उन सब को छोड़,देश के लिए
खुद को क़ुर्बान किया
ऐ वीर,तुम किस मिट्टी के हो
इस देश पर सब न्योछार किया
