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Ratna Pandey

Inspirational

5.0  

Ratna Pandey

Inspirational

एक सैनिक की अंतिम इच्छा

एक सैनिक की अंतिम इच्छा

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जिया देश के लिए, लड़ा देश के लिए, मरूँगा भी देश के लिए,

ऐ ख़ुदा मांग रहा हूँ मैं, चंद सांसों की मोहलत दे दे,

कर सकूँ कुछ और मैं, इतनी इबादत सुन ले ।


बूढ़ी माँ, जवान बहन और नई नवेली दुल्हन को छोड़कर आया हूं,

नहीं दे सका कभी वक़्त उन्हें मैं,

अंतिम समय और अंतिम सांसें उनके साथ बिताना चाहता हूँ।


अपनी पत्नी से मिलना चाहता हूँ,

पल रहा है अंश मेरा उसकी कोख में पनप रहा है,

उसके पेट पर सर रखकर, धड़कनें महसूस करना चाहता हूँ

देख नहीं सकता उसको, पर स्पर्श करना चाहता हूँ।


नहीं है वक़्त इतना कि उससे मिल सकूँ मैं,

जवान करके उसे, फ़ौज में भर्ती कर सकूँ मैं,

नहीं देता ख़ुदा उधार, वर्ना सांसें मांग लेता मैं

और सरहद पर अपने बेटे को भी साथ लाता मैं,

पर यह मुमकिन नहीं,

किन्तु वह लहू है मेरा, मेरी आवाज़ पहचान लेगा

और जो मैं कहूँगा उसे मान लेगा।


उसे भी यही शिक्षा देना चाहता हूँ कि देश के लिए जीना है,

देश के लिए लड़ना है और देश के लिए मरना है।


जा रहा हूँ मैं, अब सांसें टूट रही हैं,

जितनी चाह थी उतना कर ना पाया मैं,

तमन्ना दिल में लिए जा रहा हूँ।

देश का जो कर्ज़ है मुझ पर,वो कर्ज़ चुकाना तू,

यह फर्ज़ है तेरअपने देश को बचाना तू,

ये धर्म है तेरअपने कर्ज़ और अपने फर्ज़ को

निभायेगा तभी तू सच्चा वीर हिंदुस्तानी कहलाएग

और तभी मेरी रूह को सुकून मिल पाएगा






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