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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

एक कतरा अपने जिस्म का

एक कतरा अपने जिस्म का

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एक कतरा अपने ज़िस्म का,

मेरे नाम कर दे,

सारी उम्र फिर चाहे,

मेरा नाम बदनाम कर दे।


तेरी खुशबू आती है, 

अक्सर मुझे ख्यालों में,

अपनी साँसों की उस महक से ,

मुझे तार - तार कर दे।


वो अनकही सी बातें,

तन्हा रातों की मुलाकातें

सब खामोशी से फिर एक बार,

तू आर पार कर दे।


मेरा तेरे लिए तड़पना, 

बेहयाई भरा सपना,

उस सपने की सरगर्मी को, 

तू हौले से भर दे।


कतरे - कतरे पर तेरे जिस्म के, 

देख मेरा नाम गुदा है,

एक कतरा अपने जिस्म का, 

मेरे नाम कर दे।



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