एक कोना दिल में
एक कोना दिल में
एक कोना,
खाली रखा है तुम्हारे लिए,
मैंने अपने दिल में कब से,
यूँ ही जब यादों के हिस्सों को,
टटोलते टटोलते,
एक दिन मैंने,
अपने मन के कमरे में ,
रखी टूटी संदूक में झांक कर देखा,
तो कुछ बिखरे पत्र तुम्हारे देखे,
जिन्हे रखा था,
कभी मैंने अपने दिल के कोने में,
बहुत संभाल कर,
और जो समय की रेत में,
कहीं खो गए थे धूल बनकर,
जिनमें अब भी तुम्हारे स्पर्श की गर्माहट महसूस की मैंने,
एक एक शब्द लिखे थे,
तुमने दिल की गहराइयों से,
प्रेम में लिपटे रंगीन धागों से,
आंसुओ की स्याही से,
और बस, मांगा था तुमने ,
मुझसे सिर्फ एक कोना दिल में।