एक ग़म भूलना।
एक ग़म भूलना।
सिर्फ दो ही शब्दों में प्यार की कहानी है,
इक है शब्द सुंदरता, दूसरा जवानी है।
आज दिल के तारों पर कोई तो ग़ज़ल छेड़ो,
वो भी साथ है और रूत भी बड़ी मस्तानी है।
मुझ पर क्या गुजरती है पूछ अपने दिल से तू,
जो मेरा फ़साना है वो तेरी ही कहानी है।
उनके रूठ जाने का "शीतल" ग़म मत करना,
उनका रूठ जाना भी बस एक ग़म को भूलना है।
क्या गुजरती है हम पर जब रुठ जाती मरजानी है,
पल-पल मरते हैं हम जब तक वो मान ना जाती है।