एक दुनिया मेरी भी है
एक दुनिया मेरी भी है
एक दुनिया मेरी भी है बहुत खूबसूरत,
जिसमें खुशियाँ ही खुशियाँ बेशुमार है,
इस दुनिया में सब मिलकर मुस्कुराते हैं,
जहाँ भोर की किरण खिलखिलाती है,
जिसे देखकर पवन भी शोर मचाती है,
पक्षियों की चहचहाहट कानों को भाती
भंवरों की गुंजन हृदय में तान सुनाती,
एक दुनिया मेरी भी है बहुत खूबसूरत,
जिसमें खुशियाँ ही खुशियाँ बेशुमार है,
इस दुनिया में हमारी अपनी पहचान है,
अपनी पहचान बनाने का एक सपना है,
इस दुनिया में अंधेरा नहीं सिर्फ उजाला है,
जहाँ न दिखती है पीड़ा और ना ही आंसू ,
जहां दिखता हर -पल एक नया सवेरा है,
चाहत है तो बस ख्वाहिशें पूरी करने की,
ख्वाहिशें पूरी कर इस जग में चमकना है,
एक दुनिया मेरी भी है बहुत खूबसूरत,
जिसमें खुशियाँ ही खुशियाँ बेशुमार है!
