एक बार मेरा होने की ज़िद्द कर ले
एक बार मेरा होने की ज़िद्द कर ले
तेरे साथ की खाव्हिश कर बैठा है दिल
मुझसे कहने लगा है 'तू जा कर उससे मिल '
मोहब्बत एक पाक़- सी ज़िम्मेदारी है
साथी ! तेरी वफ़ा में मेरी ज़िंदगानी सारी है
तू बस 'हाँ ' कह दे इक बार
तेरे इंतज़ार में भी जी लेंगे
जो कहते हैं 'अब तो मालूम नहीं इश्क क्या है '
उनको चाहतों का नया पैमाना देंगे
है साथ जो तू ,तब मुमकिन है ज़िन्दगी
जो न हो तू ,तब आंसुओं में ढली है ज़िन्दगी
एक बार मेरा होने की ज़िद्द कर ले
आ करीब मेरे , ज़िंदा रहने की मुकम्मल एक कोशिश कर ले !
आ करीब मेरे , ज़िंदा रहने की मुकम्मल एक कोशिश कर ले !