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Richa Baijal

Romance

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Richa Baijal

Romance

एक बार मेरा होने की ज़िद्द कर ले

एक बार मेरा होने की ज़िद्द कर ले

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तेरे साथ की खाव्हिश कर बैठा है दिल 

मुझसे कहने लगा है 'तू जा कर उससे मिल '

मोहब्बत एक पाक़- सी ज़िम्मेदारी है 

साथी ! तेरी वफ़ा में मेरी ज़िंदगानी सारी है 


तू बस 'हाँ ' कह दे इक बार 

तेरे इंतज़ार में भी जी लेंगे 

जो कहते हैं 'अब तो मालूम नहीं इश्क क्या है '

उनको चाहतों का नया पैमाना देंगे 


है साथ जो तू ,तब मुमकिन है ज़िन्दगी 

जो न हो तू ,तब आंसुओं में ढली है ज़िन्दगी 

एक बार मेरा होने की ज़िद्द कर ले 

आ करीब मेरे , ज़िंदा रहने की मुकम्मल एक कोशिश कर ले !

आ करीब मेरे , ज़िंदा रहने की मुकम्मल एक कोशिश कर ले !



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