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Minal Aggarwal

Tragedy

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Minal Aggarwal

Tragedy

एक अशांत ज्वालामुखी

एक अशांत ज्वालामुखी

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यह 

नागफनी के पौधे में 

फूल उग भी आते हैं लेकिन 

इस शख्स के 

दिल में तो बस 

अग्नि के अंगारे ही 

सुलगते रहते हैं 


इसके हाथों में 

फूल भी थमाओ तो 

वह भी झुलस जाते हैं

आदर भाव से 

भगवान का प्रसाद भी 

अर्पित करो तो 

वह भी 

राख के ढेर बन 

जाते हैं 


न जाने 

कौन सी 

बदले की आग में 

जल रहा है 

यह 

इसके मन में लगी आग 

किसी भी उपाय से 

शांत नहीं हो रही 


ठंडे और शीतल पानी का 

छिड़काव 

हवाओं ने छोड़ दिया बहना 

पलट दिया अपना रूख

तंग कर दिया अपना दायरा 

कर लिया इससे किनारा लेकिन 

सब व्यर्थ 


एक समय के बाद 

अधिकतर ज्वालामुखी भी शांत हो 

जाते हैं लेकिन 

यह एक ऐसे अशांत ज्वालामुखियों में से है जो 

लगातार भड़कते ही जाते हैं 

अपने साथ साथ 

दूसरों का जीवन भी 

जलाकर 

उन्हें बर्बादी की कगार पर 

पहुंचाते हैं।


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