ए चांद
ए चांद
चांद की रेत पर बिखर जायेंगे हम,
हर वफा में बेवफाई की झलक
फिर भी खामोश रहेंगे हम।
तेरी गैर मौजूदगी अब नही सताती,
रात की रंगत में चांद से भी प्यारी
तेरी सूरत जगमगाते हुए हम से हमेशा कहती हैं
के तुम्हे भी मोहब्बत है बेवनहा।
आशिकी में उम्मीद की परछाई
कंपकपाती हाथो से चांद के सीने से
हर काले धब्बे को मिटाने की
हर नाकाम कोशिशें में जुटे हैं ।
एक एकेली चांदनी भी क्या कर सकती थी भला,
अतीत की तेजाब डाल कर उसे कबका जलाया चुका था।
समय की आहट ने बदल दिया सब कुछ,
ख्वाहिश रखने वाले हर एक अच्छाई और
बुराई के बीच का आयाम खुल चुका था।
तूफान की भनक लगते ही पता चला चांद
एकेली नही आज उसके पास तो हम है,
न जाने कितने सदियों से उनके इंतजार में पल पल मर रहे हैं।
अंतरिक्ष की सहस्र कोटि नक्षत्र
मंडलियों में बस तुम ही तो लगे प्यारी।
जन्म जन्मों का नाता है ए,
न जाने कितने जन्म और लेना पड़े
पर हमारे दिल में बस तुम ही रहोगी।
वक्त के आंखो से बेहैता पानी,
लंबा कटे ना कटे जुबां में प्यासी लफ्ज़ हमेशा
बस तुम्हारी ही नाम जप करने की
ख्वाहिश आज पूरी हो गई।
तुझे छुने की औकात नहीं है
फिर भी तुझे पाना चाहता हूं।
चाहे किसी भी रूप में क्यों न हो
जानम तू ही मेरी माशूका थी और
हमेशा रहेगी ए वादा रहा क्योंकि
इस दिल की हर धड़कन तेरी ही कद्रदान है।