दूरियां
दूरियां
डरती लौ भी खुद को जलाने लगीं
दूरियां दीयों की दीयों से बढ़ जाने लगीं ,
नफरतों की रोशनी फैली भी इस कदर
हरी किरण मुसलमां केसरी हिन्दू हो जानें लगीं,
दिलों की दूरियां बढ़ने लगी हैं आजकल
कुछ बातें दिलों को चोट पहुचानें लगीं ,
लड़ेंगे साथ तो ही बचेंगे याद रहे
ज़िन्दगी अपने फलसफे खुद ही समझाने लगीं ।
