दूर मगर पास हमेशा
दूर मगर पास हमेशा
हो सनम मेरी सनम
तुम से ही सीखा है मैने,
लाख दर्द छुपे हैं सीने मे
पर चेहरे पे मुस्कुराहट सजी है।
हो सनम मेरी सनम
तुमसे ही सीखा है मैने,
तकरार को भी तोहफा
मानना और अपनाना।।
हो सनम मेरी सनम
तुम से ही सीखा है मैने
हर दर्द को सहना और छुपाना।।
दिल रोए मगर आंसू न आए
यह हुनर तुम्हारा पहचान है।।
हो सनम मेरी सनम
तुमसे ही सीखा है मैने
हर किसी को अपना मान के
सारे फर्ज़ निभाना ।।
हो सनम मेरी सनम
तुमसे ही सीखा है मैने
कहू मैं क्या आज
जिंदगी ने ऐसा खेल खेला
हम हमेशा के लिए हुए जुदा
मगर मजाल है जो यादों से
एक कोस भी दूर कर पाए।।
हो सनम मेरी सनम
तुम से ही सीखा है मैने
यह मेरी आखिरी अलविदा है
पर शब्द नही इंतजार मत
करना मगर मैं लौटूंगा एक दिन।।
मैं न जानू कब आए वो दिन
पर जो तुमसे मैने सीखा
वो सदैव रहेंगे मेरे साथ ।।
तुम और तुम्हारी मुस्कुराहट
एक अनमोल तोहफा है मेरे लिए
उसे मुझसे मत छीनना।।
हो सनम मेरी सनम
तुम से ही सीखा है मैने
तुमसे दूर तुम्हारे यादों के पास
हमेशा हमेशा के लिए।।