"दुनियादारी से प्रीत छोड़ दी"
"दुनियादारी से प्रीत छोड़ दी"
इस दुनियादारी की रीत छोड़ दी हमने
इस दुनियादारी से प्रीत छोड़ दी हमने
इस झूठी दुनिया मे कोई न अपना है,
सब बस साखी एक झूठा सपना है,
झूठी दुनिया की जंजीर तोड़ दी हमने
बालाजी से जो जिंदगी जोड़ ली हमने
अब से हरपल बस उसे ही याद करेंगे,
बालाजी को जो जिंदगी सौंप दी हमने
इस दुनियादारी से प्रीत छोड़ दी हमने
बालाजी के बिना जीवन ऐसे सूना है,
जैसे सांसो के बिना कोई खिलोना है,
बालाजी को अपनी डोर सौंप दी हमने
वो हमारा मदारी है,हम उसके बंदर है
चाहे जैसे नचाये वो हमारा कलंदर है
उसकी ओर यह जिंदगी मोड़ दी हमने
इस दुनियादारी से प्रीत छोड़ दी हमने
बालाजी को यह जिंदगी सौंप दी हमने
वो बालाजी ही एकमात्र परब्रह्म ईश्वर है
बाकी सबकुछ ही यहां पर बस नश्वर है
दुनिया की झूठी सौगाते छोड़ दी हमने
बालाजी ओर जीवनगाड़ी मोड़ ली हमने
झूठी दुनिया की रिश्तेदारी तोड़ दी हमने
बालाजी की सच्ची भक्ति ओढ़ ली हमने
इस दुनियादारी की प्रीत छोड़ दी हमने
बालाजी को जीवन डोर सौंप दी हमने।