दृश्य चुम्बन
दृश्य चुम्बन


पीड़ा ,
और तमाम यातनाओं
को लाँघ एक चुम्बन ऐसा भी होगा
जो ईश्वर हो जाने का सबसे सरल मार्ग होगा ।
जिसमें संवेदनाओं का परस्पर मिलन होगा
अथक सांसारिक लालसा के बावजूद
वो ना तो होठों के कंदराओं में होगा
ना ही नश्वर शरीर से उत्सर्जित वासना पे ठहरेगा
वो चुम्बन दृस्टि का दृस्टि से
और आत्म का आत्म से हो
आध्यात्मिक होगा ।
हाँ वो चुम्बन अलौकिक और प्राकीर्तिक होगा ।