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Swati ankan

Inspirational Children

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Swati ankan

Inspirational Children

दोस्ती

दोस्ती

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 अपने -अपने मन की कहते हैं,

अरसा हुआ सुरमयी ठहके का।


निगाहें शब्दों का साथ नहीं देती है,

 कुछ दर्द जो अनकही रह गई थी।


हाँ,पहचान और बातें बदलती है,

मिलो तो फ़िर वही शामें होगी।


आँखें चार-छह होने से पिघलते हैं,

लाज़मी है गम -ख़ुशी साथ हों।


मन में हुए चर्चे ,को ज़ुबां लाती है,

पर साथ चार-यार,चाय का हो।


अपने- आप ही मंद मंद हँसते हैं,

उसे ज़ाहिर करने का मंज़र हो।


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